Post Top Ad

रामायण काल ​​में अगर ये 5 महिलाएं नहीं होती, तो न भगवान राम होते ना ही रावण

Share This


हिंदू धर्म में रामायण का बेहद अधिक महत्व है, आपने 90 के दशक में रामायण के क्रेज के बारे में अपने बुर्जुर्गों से खुब सुना होगा। लेकिन क्या आपके मन में एक बार भी ये सवाल उठा है कि Ramayana की रचना की नींव किसने डाली। रामायण में महिला किरदार की अहम भूमिका थी। रामायण में स्त्री को महान बताया गया है।

रामायण काल ​​में अगर ये महिलाएं नहीं होती, तो न ही भगवान राम होते ना ही रावण। प्रमुख महिला पात्र हैं सीता, कैकेयी, कौशल्या, सुमित्रा, अहिल्या, उर्मिला, अनसुइया, शबरी, मंदोदरी, त्रिजटा, शूर्पनखा, लंकिनी और मंथरा।



Order Now (Kande/Upla)....Click :  https://bit.ly/3eWKt1V




इन सभी महिलाओं का रामायण में अपना महत्व है, लेकिन अगर मुख्य पात्र सीता, कैकेयी, मंथरा, शूर्पनखा और मंदोदरी नहीं होतीं, तो रामायण का रूप अलग होता। तुलसी रामायण और वाल्मीकि रामायण में इन पांच महिलाओं की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। यदि ये महिलाएं तुलसी रामायण और वाल्मीकि रामायण में पात्र नहीं होतीं, तो हम आज हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ से वंचित होते।


सीता - एक सहनशील, ज्ञानवान, गुणी माता, सीता भगवान राम के हर सुख और दुख में भागीदार बनीं और विषम परिस्थितियों में भी अपने पति के धर्म का उल्लंघन नहीं किया। यदि सीता न होतीं, तो रावण को समाप्त करने का कोई उद्देश्य नहीं होता।

शूर्पणखा - रावण जैसा कि आप जानते हैं कि एक ऐसा चरित्र है जिसके बिना रामायण नहीं लिखी जा सकती थी। यदि शूर्पणखा ने अपने भाई के अंदर प्रतिशोध की ज्वाला नहीं जलाई होती तो आज रामायण प्रभावी नहीं होती। हमें शूर्पणखा के चरित्र से यह भी पता चलता है कि महापुरुष के संबंध में कोई भी गलत सोच मन में नहीं लानी चाहिए।

कैकेयी - राजा दशरथ की तीन रानियों में से एक कैकेयी, भगवान राम के 14 साल के वनवास में जाने का कारण कैकयी थी।  और इसलिए कैकेयी की छवि एक नकारात्मक चरित्र के रूप में सामने आई होगी, लेकिन इस चरित्र के बिना रामायण का वर्णन नहीं होता।

मन्थरा - यदि राजा दशरथ की सबसे प्रिय रानी कैकेयी की दासी मिथरा ने कैकेयी के कान न भरे होते, तो शायद राम 14 साल के वनवास में नहीं होते। मंथरा ने ऐसा केवल इसलिए किया क्योंकि वह कैकेयी को अपनी बेटी मानती थी।

मंदोदरी - अपने पति को उचित सलाह देने वाली मंदोदरी जानती थी कि रावण ने सीता का हरण करके एक अधार्मिक कार्य किया था। मंदोदरी रावण को बार-बार याद दिलाती थी कि उसका अंत निकट है।




Order Now (Kande/Upla)....Click :  https://bit.ly/3eWKt1V





Follow Us

Follow Our Facebook & Twitter Page : (The Found) Facebook Twitter

Subscribe to Youtube Channel: The Found (Youtube)

Join our Telegram Channel: The Found (Telegram)

Join our Whatsapp Group: The Found (Whatsapp)

Follow Our Pinterest Page : The Found (Pinterest)


LifeStyle Articals : 


Others Article :


No comments:

Post Bottom Ad