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New Head of CBI : बचपन से जासूसी के बादशाह रहे है सुबोध कुमार जायसवाल, महज 23 साल की उम्र में बन गये थे IPS

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 New Head of CBI : बचपन से जासूसी के बादशाह रहे है सुबोध कुमार जायसवाल, महज 23 साल की उम्र में बन गये थे IPS

Subodh Kumar Jaiswal becomes new head of CBI : 1985 बैच के आईपीएस सुबोध कुमार जायसवाल (Subodh Kumar Jaiswal) को सीबीआई का नया निदेशक नियुक्त किया गया है।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई उच्च स्तरीय समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया, समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे। 
मंगलवार को निजी मंत्रालय ने उन्हें नियुक्त करने का आदेश जारी किया। सीबीआई निदेशक का पद फरवरी से खाली है। वर्तमान में अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा इसके अंतरिम प्रमुख हैं।

सीबीआई प्रमुख की दौड़ में उत्तर प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी, एसएसबी के डीजी कुमार राजेश चंद्रा और गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीएसके कौमुदी आगे चल रहे थे, लेकिन आखिरकार सुबोध कुमार जायसवाल का नाम फाइनल हो गया, वह इस पद पर दो साल तक रहेंगे।

सुबोध कुमार जायसवाल महाराष्ट्र के डीजीपी और एटीएस प्रमुख रह चुके हैं। वह वर्तमान में सीआईएसएफ के महानिदेशक हैं। 58 वर्षीय जायसवाल 2022 में सेवानिवृत्त होंगे। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुबोध जायसवाल बेदाग छवि के अधिकारी माने जाते हैं। पुलिस सेवा में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें 2009 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। जायसवाल को जासूसों का मास्टर भी कहा जाता है।

उन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) में भी काम किया है। उन्होंने कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में भी काम किया है। जायसवाल ने कई बड़े मामलों में जांच का नेतृत्व किया है। मुंबई पुलिस में रहते हुए वह करोड़ों रुपये के नकली स्टांप पेपर घोटाले की जांच कर रही एक विशेष टीम के प्रमुख थे। 2006 के मालेगांव विस्फोट की भी जांच सुबोध कुमार जायसवाल ने की थी। उन्होंने प्रधान मंत्री, पूर्व पीएम और उनके परिवारों की सुरक्षा करने वाले विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी काम किया है।

36 साल के करियर में चार प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके सुबोध कुमार झारखंड के एक छोटे से गांव से हैं, उन्होंने स्नातक और एमबीए करते हुए तीन बार राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा दी, लेकिन तीन बार असफल रहे। उन्होंने एक बार बताया था कि यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें नहीं पता था कि इसके बाद कौन सी नौकरी मिलेगी।

सुबोध कुमार जायसवाल का जन्म 22 सितंबर 1962 में हुआ था। महज 23 साल की उम्र में ही वह आईपीएस अधिकारी बन गए। अपनी काबिलियत के दम पर ही जायसवाल का देश की खुफिया एजेंसी रॉ में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन के लिए चयन किया गया। जिसमें उन्होंने बहुत ही बेहतर तरीके से अपने काम को अंजाम दिया। रॉ के लिए उन्होंने देश के बाहर कई सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया।



                           

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