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झूठे आरोप लगाने के बाद माफी मांगने का रिकॉर्ड रहा है दिल्ली के सीएम केजरीवाल का

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी को भी लगता है जो अरङ्क्षवद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर जो आरोप लगाए हैं वो सही है। इसीलिए आरोपों के मद्देनजर राहुल ने भी ट्वीट किया है, श्रीराम स्वयं सत्य, न्याय व धर्म के हैं, लेकिन उनके नाम पर धोखा अधर्म है। सब जानते हैं कि जब डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में देश में यूपीए की सरकार थी, तब घोटाले भ्रष्टाचार आदि के आरोपों को लेकर अरविंद केजरीवाल ही सबसे ज्यादा मुखर थे।

केजरीवाल ने कांग्रेस को लेकर क्या क्या नहीं कहा? तब केजरीवाल को इन्हीं राहुल गांधी ने झूठा करार दिया था। लेकिन अब जब करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र राम मंदिर को लेकर आरोप लगाने का मुद्दा आया तो राहुल गांधी और केजरीवाल की पार्टी एक हो गए हैं।

पूरा देश जानता है कि अयोध्या में किन तत्वों ने राम मंदिर निर्माण का विरोध किया। अब ऐसी ताकतें महंगी जमीन खरीद को लेकर एक बार फिर आरोप लगा रही है। जहां तक संजय सिंह के आरोपों का सवाल है तो ऐसे आरोप उनके नेता केजरीवाल भी लगाते रहे हैं, लेकिन बाद में मानहानि का मुकदमा होने पर अदालत में माफी भी सबसे ज्यादा केजरीवाल ने ही मांगी है। यह माफी कांग्रेस नेताओं से ही नहीं बल्कि भाजपा नेताओं से भी मांगी गई है, इनमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली प्रमुख हैं।

अयोध्या में मंदिर विस्तार के लिए जमीन का एक भूखंड खरीदने को लेकर केजरीवाल के इशारे पर संजय सिंह ने जो आरोप लगाए हैं, उन पर कब माफी मांग ली जाएगी, कुछ नहीं कहा जा सकता। महंगी जमीन खरीदने का आरोप वो लोग लगा रहे हैं जिन्होंने मंदिर निर्माण में एक रुपए का भी आर्थिक सहयोग नहीं किया है, पहले इस बात की कोशिश की गई कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण न हो और मंदिर निर्माण करने वालों की ईमानदारी पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। जहां तक राम भक्तों का सवाल है तो भक्तों के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अयोध्या में जन्म स्थल पर ही राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। जो लोग निर्माण कार्य में लगे हुए हैं उन पर देश विदेश के राम भक्तों को पूरा भरोसा है।

आरोप लगाने वालों को यह समझना चाहिए कि श्री राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद गिरी महाराज है। गोविंद गिरी महाराज की ईमानदारी पर कोई शक नहीं कर सकता है। आरोप है कि 2 करोड़ रुपए की कीमत वाली भूमि 18 करोड़ रुपए में खरीदी। मैं स्वामी गोविंद गिरी जी को व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं और पुष्कर स्थित सावित्री वेद विद्यापीठ में मेरी कई बार मुलाकात हुई है। मैंने स्वयं देखा है कि गोविंद गिरी जी के एक इशारे पर धनाढ्य व्यक्ति करोड़ों रुपया दान देने को तैयार रहते हैं।

गोविंद गिरी जी के प्रयास से ही आज देश भर में प्रमुख स्थानों पर वेद पाठ शालाएं चल रही हैं, जहां भारतीय सनातन संस्कृति के अनुरूप विद्वान तैयार हो रहे हैं। गोविंद गिरी जी जब करोड़ों रुपए का दान दिलवा सकते हैं, तब क्या स्वयं नहीं ले सकते?

इसमें बेईमानी की जरूरत ही नहीं। आरोप लगाने वाले यह अच्छी तरह समझ लें कि मंदिर निर्माण के कार्य में तपस्वी प्रवृत्ति के साधु संत लगे हुए हैं, जिनका पैसे से कोई मोह नहीं है। स्वामी गोविंद गिरी जी के कोषाध्यक्ष रहते हुए मंदिर निर्माण के कार्य में एक रुपए की भी बेईमानी नहीं हो सकती है।

अयोध्या में मंदिर राम भक्तों के लिए बन रहा है, राम के विरोधियों के लिए नहीं। राम भक्तों ने मंदिर निर्माण के लिए दिल खोल कर आर्थिक सहयोग दिया है। अयोध्या में यदि दो रुपए वाली भी दो करोड़ रुपए में खरीदी जाएगी तो राम भक्त फिर से सहयोग करने को तैयार है। केजरीवाल की पार्टी के लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। भगवान राम के प्रति श्रद्धा रखने वाला कोई भी व्यक्ति मंदिर निर्माण के कार्य और होने वाले खर्च पर संदेह व्यक्त नहीं कर सकता है।



                           

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