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आखिर कैसे बचा सकते है बिजली? जानिए बिजली बचत के रोचक तथ्य

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देश विदेश में बिजली की कमी की समस्या अब आम बात होती जा रही है, ऐसे में भविष्य को देखते हुए बिजली बचाने के अनेक उपाय की ओर चिंतन किया जा रहा है। वैसे तो बिजली बचाने के अनेक उपाय है लेकिन आज हम एक अद्धभुत तथ्य के बारे में बात करेंगे। अक्सर हम और आप पंखे की गति को धीमा कर देते है , कई बार गर्मी कम लगने की वज़ह से तो कई बार बिजली बचत के चक्कर में। पर क्या वाक़ई पंखे को धीमा करने से बिजली कम खर्च होती है। आज हम इसी सवाल का जवाब ढूंढेंगे। ज्यादातर घरों में घरों में छत वाले, टेबल और पैडेस्टल फैन्स होते हैं. इन पंखों की स्पीड रेगुलेटर या इनबिल्ट स्पीड कंट्रोलर से रेगुलेट होती है.ऐसे में सोचने वाली बात है कि क्या पंखे को धीरे चलाने से कम बिजली खपत होती है या फिर स्पीड बढ़ाने पर ये ज्यादा बिजली खपत करते हैं?


इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक रग्युलेटर का असर


इलेक्ट्रिकल रेग्युलेटर सस्ते होते थे. ये एक प्रतिरोधक के जैसे काम करते है। ये रेगुलेटर अपने पास आने वाली वोल्टेज की सप्लाई को नियंत्रित करके , पंखे की गति पर प्रभाव डालते है जिसकी वजह से पंखे में तो बिजली का इस्तेमाल कम होता है लेकिन रेगुलेटर में आने वाली बिजली बराबर ही रहती है तो पुराने रेग्युलेटर के साथ पंखे की स्पीड कम करने से बिजली की बचत पर कोई खास असर नहीं पड़ता. आज कल इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर का ज़माना है, इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर का रिजल्ट काफी अच्छा भी देखने को मिलता है. देखा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर के इस्तेमाल से बिजली बिल पर भी असर पड़ता है. इन इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर के जरिए आप अपने पंखे की टॉप स्पीड और उसकी निम्न स्पीड के बीच 30 से 40 फीसदी तक बिजली की बचत कर सकते हैं. इस तरह के रेगुलेटर वाले पँखो से बिजली खपत कम होती है।

न करें पुराने इलेक्ट्रिकल रेग्युलेटर का इस्तेमाल

यदि आपका पंखा पुराना है तो कोई बात नहीं लेकिन जिन घरों में आज भी पुराने इलेक्ट्रिकल रेग्युलेटर का इस्तेमाल होता है उन्हें तुरंत इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर लगवाना चाहिए. पुराने इलेक्ट्रिकल रेग्युलेटर इस्तेमाल होने वाले रेसिस्टर बिजली की बर्बादी करते थे. ये रेसिस्टर पंखे की स्पीड को नियंत्रित तो कर लेते है लेकिन खुद के लिए बिजली नियंत्रित नहीं कर पाते और इनके स्रोत से बिजली लेने की मात्रा में कोई बदलाव नहीं होता था. इनमें पंखे की गति का बिजली और बिल से कोई सीधा संबंध नहीं होता।


अब पंखे की स्पीड बताएगी कितनी होगी ऊर्जा खपत

अब जो रेगुलेटर ज़्यादा इस्तेमाल होने लगे है उनमें पंखे की गति से ही पंखे द्वारा खाई जा रही ऊर्जा का पता लगता है। इन पँखो को धीरे चलाने से कम बिजली वही ज़्यादा तेज चलाने से ज़्यादा बिजली खर्च होती है। नए इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर में ऊर्जा खपत का पैटर्न पंखे की स्पीड से तय होता है.

एक दिन में इतनी बिजली खपत करता है एक पंखा

इन दिनों बाजार में 60 वाट के पंखे आ रहे है। ऐसे में जानना जरूरी है कि औसतम एक पंखा कितनी बिजली खाता है। एक 60 वाट के पंखे को 1 दिन में 18 घंटे चलायें तो यह 1080 वाट बिजली की खपत करेगा यानि कि एक दिन में एक यूनिट से थोड़ी अधिक की बिजली खर्च होगी। भारत में ज्यादातर एक मध्यवर्गीय परिवार में कम से कम 4 पंखे होते हैं. यदि इन चारों पँखो को तेज स्पीड पर दिन भर चलाया जाए तो पर डे 5 यूनिट की बिजली खर्च होगी लेकिन यदि आप पंखे की गति को नियंत्रित रखे तो हर दिन एक से डेढ़ यूनिट बिजली बच सकती है।

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