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इंटरनेट के बिना भी कर पायेंगे डिजिटल लेन-देन, जानें कब-से शुरू होगी ये सेवा

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आजकल लोग कैश रखना पसंद नहीं करते क्योंकि अधिकतर पेमेंट डिजिटल होने लगी है। भारत में डिजिटल पेमेंट्स तेजी से बढ़ रहे हैं और मोबाइल ऐप के जरिए छोटी से छोटी औऱ बड़ी से बड़ी पेमेंट एक मिनट में हो जाती है।

 लेकिन यदि कोई ऐसा छेत्र हो जहाँ आपके मोबाइल फ़ोन्स में नेटवर्क न आएं और आप इंटरनेट का इस्तेमाल न कर पाएं, तो स्तिथि ख़राब हो सकती है। कई बार इंटरनेट की वजह से डिजिटल भुगतान नहीं हो पाता है लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब भारतीय रिजर्व बैंक एक ऐसा ढांचा तैयार कर रहा है जिसके तहत ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट मुमकिन होंगे। अब आप ऐसे भी इलाकों में डिजिटल लेनदेन कर पाएंगे जहाँ इंटरनेट नहीं है या धीरे चलता है।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि ऑफलाइन मोड में डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाली इस नई तकनीक का परीक्षण सफल रहा है और इस से संकेत मिलता है कि इस तरह के समाधान पेश करने की गुंजाइश खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में है।

6 अगस्त को एक ऐसे प्रोजेक्ट की घोषणा हुई थी जो उन स्थितियों जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है या उपलब्ध नहीं है तो ऑफलाइन मोड में भी खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाता है, और अब अक्टूबर आते आते आरबीआई ने इस प्रोजेक्ट को पूरे देश मे शुरू करने की बात कही है।

सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में इस योजना के तहत तीन पायलटों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया, जिसमें 1.16 करोड़ रुपये के मूल्य के 2.41 लाख की मात्रा को कवर करने वाले छोटे मूल्य के लेनदेन शामिल थे। परीक्षण से मिले अनुभव और प्रतिक्रिया के बाद, आरबीआई ने अब पूरे देश में ऑफलाइन मोड में खुदरा डिजिटल भुगतान करने के लिए एक रूपरेखा पेश करने का प्रस्ताव दिया था।

पिछले कुछ सालों से सरकार देश को डिजिटल बनाना चाहती है और कोरोना वायरस के दौरान देश में डिजिटल भुगतान बहुत तेज हुआ था क्योंकि लोग कॉन्टैक्ट लेस ट्रांजेक्शन करना चाहते है। अधिकतर लोग नोट संक्रमण से बचने के लिए यूपीआई या फिर बैंक कार्ड द्वारा भुगतान करना पसंद कर रहे हैं, एड्स और ऑफर्स भी ऐसे थे कि लोग डिजिटल इंडिया की ओर आकर्षित हुए। और इस तरह के पेमेंट में मिल रहे कूपन और कैश बैक भी लोगों को आकर्षित करते है।

बता दें कि इस साल सितंबर महीने में डिजिटल पेमेंट ने नया रिकॉर्ड बनाया है. इस दौरान साढ़े छह लाख करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। सितंबर लगातार तीसरा महीना है जब यूपीआई के जरिए 3 अरब से ज्यादा के लेनदेन हुए।

 यूपीआई से ट्रांजेक्शन बेहद आसान होता है क्योंकि इसमें एक टच से आप किसी को कहीं भी पैसे भेज सकते हो और तो और एक स्कैन करके पैसे का भुगतान कर सकते है। ऐसे में कैश रखने या खोने की चिंता भी नहीं रहती।

आरबीआई की घोषणा के बाद भारत के उन इलाकों में फ़ायदा होगा। जहां इंटरनेट की पहुंच बहुत कमजोर है या ना के बराबर है, ऐसे में यह सुविधा वहाँ बसे लोगों को काफी लाभ दे सकती है।

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