Post Top Ad

भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश क्यों दिया? जानें कारण

Share This

भगवद्गीता भारतीय धर्मशास्त्र का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र अर्जुन को धर्म, कर्म, और जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर उपदेश दिया। गीता का उद्देश्य मनुष्य को उसके कर्तव्यों को समझाना और उसे सही राह दिखाना है।

भगवद्गीता महाभारत के युद्धकांड में स्थित है, जब अर्जुन युद्धभूमि के मध्य में अपने शिक्षक और मित्र भगवान कृष्ण के सामने मोहित हो जाते हैं। उन्हें युद्ध करने का समर्थन करने में आतंक होता है, क्योंकि उनके साथ युद्ध में उनके पुरखों, गुरुओं, और अधिकारियों का विरोध होता है। इस सन्दर्भ में, अर्जुन का मन विवादित हो जाता है और वह युद्ध करने के लिए उत्साहित नहीं होता।

भगवान श्री कृष्ण उनके अवसाद को देखते हुए उन्हें युद्ध करने के लिए प्रेरित करने और उन्हें उच्चतम धर्म के अनुसार अपना कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित करने के लिए गीता के माध्यम से अपना उपदेश देते हैं। गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को जीवन के मार्ग पर चलने के लिए उपदेश दिया, जो धर्म, कर्म, और भक्ति के माध्यम से मुक्ति की प्राप्ति में सहायक होता है।

इस प्रकार, भगवान श्री कृष्ण ने गीता के माध्यम से अर्जुन को धार्मिक और आध्यात्मिक उपदेश दिया ताकि वह समर्थ हो सके अपने कर्तव्य का पालन करते हुए जीवन को सही दिशा में ले जाए।

गीता का उपदेश

श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था क्योंकि अर्जुन महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान में अपने धर्मसंकट में उलझे हुए थे। युद्ध के इस महत्वपूर्ण क्षण में, अर्जुन को धर्म, कर्तव्य, और जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में समझाने के लिए भगवान कृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश दिया। गीता के माध्यम से, श्री कृष्ण ने अर्जुन को सही कार्य करने की प्रेरणा दी और उन्हें धर्म का पालन करते हुए युद्ध करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, गीता में दिए गए ज्ञान और उपदेश ने अर्जुन को जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद की और उसे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया ताकि उन्हें जीवन के मार्ग पर सही राह दिखाई जा सके।

अर्जुन को उपदेश देने का कारण

महाभारत काल में पांडवों और कौरवों में राज्य संपत्ति को लेकर मतभेद था. पांचों पांडव युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल व सहदेव धर्म का पालन करते थे. कौरवों में ज्येष्ठ दुर्योधन दुराचारी और लालची था. पांडव और कौरव एक ही परिवार से थे, लेकिन दोनों की नियत में दिन-रात का अंतर था. पांडु की मृत्यु के बाद धृतराष्ट्र अपने जेष्ठ पुत्र दुर्योधन को राजा बनाना चाहता था. दुर्योधन का मामा शकुनि कौरवों को पांडवों के खिलाफ भड़काता रहता था.


शांति दूत श्रीकृष्ण

पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण को कौरव और पांडवों के भविष्य के बारे में पता था. वे चाहते थे कि युद्ध ना हो इसलिए, श्रीकृष्ण स्वयं तीन बार शांति दूत बनकर आए और कौरव-पांडवों के बीच सुलह करानी चाही, किन्तु दुर्योधन नहीं माना. तब श्री कृष्ण ने कहा कि तुम पांडवों को आधा राज्य दे दो और दोनों शांति पूर्वक रहो, लेकिन दुर्योधन नहीं माना.

तब पांडवों ने कहा कि हमें राज्य की लालसा नहीं है. हमें केवल पांच गांव दिलवा दीजिए और पूरा राज्य चाहे दुर्योधन को दे दीजिए. लेकिन दुर्योधन ने साफ इंकार कर दिया और कहा कि पांच गांव तो क्या वह सुई की नोक जितनी जगह भी नहीं देगा.

दुर्योधन ने पांडवों से कहा कि अगर तुम्हें पांच गांव चाहिए तो कुरुक्षेत्र में आकर हम से युद्ध करना पड़ेगा. हमें पराजित करके राज्य हासिल करना होगा. तब दोनों पक्षों में युद्ध का आगाज हुआ. भगवान श्री कृष्ण अर्जुन के रथ के सारथी बने थे. तब युद्ध भूमि में अर्जुन ने देखा कि उनके विपक्ष में उन्हीं का परिवार खड़ा है. उन्हीं के गुरु, भाई बंधु हैं, इसलिए वह बोले कि यह तो अधर्म है. मैं अपने ही परिवार के साथ राज्य के लिए कैसे लड़ सकता हूं. अर्जुन ने कहा कि हे माधव! मुझसे यह नहीं होगा. अपने ही परिवार के विरुद्ध मैं खड़ा नहीं हो सकता.

तब श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को उपदेश देते हुए कहा कि हे पार्थ! तुम्हें अपने क्षत्रिय धर्म का पालन करना चाहिए और एक क्षत्रिय की भांति अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए. यही तुम्हारा धर्म है. श्रीकृष्ण ने अपना उपदेश गायन के माध्यम से दिया था, इसलिए इसे गीता कहा जाता है.

श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को हरियाणा के कुरुक्षेत्र नामक स्थान पर 45 मिनट का गीता का उपदेश दिया था, जिसे गीतोपनिषद भी कहा जाता है. भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध भूमि में अर्जुन के टूटे हुए मनोबल को जोड़ने के लिए गीता का उपदेश स्वयं ही दिया, इसलिए इसे भगवद गीता भी कहा जाता है.



No comments:

Post Bottom Ad