योग गुरु बाबा रामदेव... नाम तो सुना होगा, आजकल उनका और उनकी कंपनी पतंजलि का समय अच्छा नहीं चल रहा। पिछले कुछ दिनो से सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव के खिलाफ दलित और आदिवासी संगठनों ने मोर्चो खोला हुआ है। उनकी कंपनी पतंजलि के खिलाफ एक अभियान छेडा हुआ है।
सोशल मीडिया पर लोग बाबा रामदेव को ढोंगी, पांखडी बता रहे है और उनके प्रोडक्ट पंतजलि का बहिष्कार कर रहे है। अब अचानक ऐसा हो कैसे गया कि दलित और आदिवासी संगठन बाबा रामदेव के विरोध में उतर आये। चलिए ये भी आपको बताते है
दरअसल पिछले दिनो एक टीवी इन्टव्यू में बाबा रामदेव ने तमिलनाडु के बड़े समाज सुधारक ई वी रामास्वामी जो पेरियार के नाम से विख्यात है उनको लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिस कारण साउथ इंडियनस् तो उनसे नाराज है ही लेकिन देश भर के दलित और आदिवासी संगठन भी उनसे काफी नाराज दिख रहे हैं।
सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव के कई विडियो वायरल हो रहे जिसमें बाबा रामदेव ने पेरियार के समर्थकों, दलितों और आदिवासियों को वैचारिक आंतकवाद से पीडित बताया।
बाबा रामदेव ने पेरियार को लेकर बोला कि जिस तरह से पेरियार हिंदू देवी देवताओं को लेकर गलत बोलते थे अगर वह मेरे वक्त में होते तो उनके इतने जूते पड़ते की वह मारा जाता।
बस उनके ये लफ्ज़ लोगों को रास नहीं आ रहे और लोग उनका विरोध कर रहे है। अब ये लडाई सोशल मीडिया से उतरकर सडकों पर भी आ गई है,
राजस्थान, महाराष्ट्र और एमपी में दलित, आदिवासी संगठनों ने सडकों पर आकर बाबा रामदेव का पुतला जलाया है। और बाबा रामदेव से माफी की मांग कर रहे है।
पिछले एक महिने से दलित और आदिवासी सगठनों ने अपनी आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया को एक बडा माध्यम बनाया हुआ है। शुरूआत तो ट्विटर से ही की, उन्होनें ट्वीटर पर ही धावा बोलते हुए टविटर को जातिवादी बता दिया और दलितों, आदिवासी लोगों के हजारों की संख्या में फॉलोवर्स होने के बावजूद अकांउट वेरिफाइड नहीं करने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर ट्विटर के खिलाफ #twitterhatesSCSTOBCMuslims जैसे कई सारे टेंड्र हुए। वहीं अब बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि को लेकर #ArrestRamdev #पतंजलिकाबहिष्कार #पाखंडीरामदेव जैसे 20 से भी ज्यादा ट्वीटर टेंड्र चल रहे है।
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