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एलोपैथी-आयुर्वेद विवाद कहां से शुरू हुआ, विस्तार से जानिए पूरा मामला...

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 एलोपैथी-आयुर्वेद विवाद कहां से शुरू हुआ, विस्तार से जानिए पूरा मामला...


(Allopathy-Ayurveda controversy) कोरोना काल में एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव के बयान के बाद शुरू हुआ विवाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गया है, बाबा रामदेव के बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कड़ा विरोध जताया है, यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बाबा पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने जैसी कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

हालांकि विवाद बढ़ता देख बाबा ने तुरंत सफाई दी, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को एक पत्र लिखा जिसमें उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई गई, और सफाई को अपर्याप्त बताते हुए नाराजगी व्यक्त की। जिसके बाद बाबा ने अपना बयान वापस ले लिया, लेकिन अगले ही दिन आईएमए पर एलोपैथी से जुड़े 25 सवालों की बौछार कर दी, इस पर आईएमए ने एलोपैथी के बारे में बाबा की जानकारी पर सवाल उठाया और सार्वजनिक तौर पर माफी न मांगे जाने पर एक हजार करोड़ के मानहानि के दावे की धमकी दी।

इस बीच बाबा के शिष्य आचार्य बालकृष्ण के बयान ने मामले को एक अलग दिशा दे दी, उन्होंने कहा कि देश को ईसाई बनाने की साजिश के तहत बाबा को निशाना बनाया जा रहा है। इस बीच गुरुवार को आईएमए की दिल्ली शाखा ने पीएम को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की, तो वहीं बाबा का एक और वीडियो वायरल हुआ,  जिसमें वे कहते दिख रहे हैं कि किसी का बाप भी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकता।

बाबा रामदेव ने क्या कहा?

हाल ही में बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में उन्होंने एलोपैथी इलाज के तरीके को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताया। स्वामी रामदेव ने कहा था कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों लोगों की मौत हुई है। यहां तक ​​कि डॉक्टर भी उनकी जान नहीं बचा सके। इस बयान के बाद से ही देशभर के डॉक्टरों में रोष बढ़ गया है।

वापस लिया बयान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हशवर्धन ने पत्र लिखकर योग गुरु रामदेव से 'कोरोना योद्धाओं के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी' को वापस लेने को कहा। केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि योग गुरु रामदेव के बयान ने कोरोना योद्धाओं का अपमान कर देश की भावनाओं को गहरा ठेस पहुंचाई है। वे अपना बयान वापस लें। इसके बाद बाबा रामदेव ने उनके पत्र का जवाब देते हुए अपने बयान पर खेद व्यक्त किया था।

उन्होंने ट्विटर पर ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा था, 'माननीय डॉ. हर्षवर्धन, आपका पत्र प्राप्त हुआ है, इसके संदर्भ में, मैं चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद पर खेद जताते हुए अपना बयान वापस लेता हूं।

एलोपैथी पर बाबा ने पूछे 25 सवाल

बाबा रामदेव ने विवादित बयान के बाद बैकफुट पर आते ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और फार्मा कंपनियों को एक खुला पत्र जारी किया। पत्र में उन्होंने विभिन्न रोगों के स्थायी उपचार से संबंधित 25 प्रश्न पूछे। बाबा रामदेव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर खुला पत्र जारी किया। जिसके बाद ये खूब वायरल भी हुआ।

बचाव के लिए आए आचार्य बालकृष्ण

बाबा रामदेव के इस बयान के बाद आचार्य बालकृष्ण भी उनके बचाव में आए। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि बाबा रामदेव का इरादा एलोपैथिक दवाओं पर टिप्पणी करने का नहीं था। वह सिर्फ व्हाट्सएप मैसेज पढ़ रहे थे।

साथ ही उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट भी किया, जिसके बाद लोगों ने इसकी कड़ी निंदा भी की, आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीटर पर लिखा कि पूरे देश को क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट करने के षड्यंत्र के तहत योग ऋषि रामदेव को बदनाम किया जा रहा है। देशवासियों, अब तो गहरी नींद से जागो। नहीं तो आने वाली पीढ़ियां तुम्हें माफ नहीं करेंगी। बालकृष्ण के इस ट्वीट पर कांग्रेस ने भी एतराज जताया।

आईएमए ने भेजा एक हजार करोड़ का नोटिस

बाबा रामदेव के बयान के बाद आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) की उत्तराखंड शाखा ने भी मोर्चा खोल दिया है. बाबा रामदेव द्वारा 25 प्रश्न जारी किए जाने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उन्हें कानूनी नोटिस जारी किया।

एसोसिएशन ने कहा कि बाबा रामदेव एलोपैथी के 'ए' को भी नहीं जानते हैं। हम उनके सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले वे अपनी योग्यता बताएं। उन्होंने कहा कि अगर बाबा 15 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया जाएगा।

आईएमए ने की देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की मुख्य शाखा ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। इस पत्र में आईएमए ने कहा है कि पतंजलि के मालिक रामदेव द्वारा टीकाकरण को लेकर फैलाई गई गलत सूचना को रोका जाना चाहिए।

आईएमए ने कहा कि एक वीडियो में बाबा रामदेव ने दावा किया कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी 10,000 से ज्यादा डॉक्टरों और लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, आईएमए ने रामदेव के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में कार्रवाई की मांग की है।


                           

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