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कोरोना काल में भी दुनियाभर के अमीरों की संपत्ति लगातार बढ़ी, भारत में मध्यम वर्गीय लोग गरीबी श्रेणी में आए

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अमेरिका, चीन और भारत समेत दुनिया के ज्यादातर देशों में सबसे अमीर 1 फीसदी लोगों की संपत्ति में इजाफा हुआ है। साल 2000 में जहां सबसे अमीर 1 फीसदी भारतीयों के पास 33.5 फीसदी दौलत थी, वह अब बढ़कर 40.5 फीसदी हो गई है। डॉलर को मुद्रा का आधार मानते हुए साल 2020 में हर भारतीय परिवार की घरेलू संपत्ति में 6.1 फीसदी की कमी आई है। वहीं अगर रुपये को आधार माना जाए तो यह कमी करीब 3.7 फीसदी है।

संपत्ति में इस कमी का मुख्य कारण यहां जमीन और मकानों की कीमतों में भारी गिरावट है। भारतीयों की घरेलू संपत्ति में कुल गिरावट 8.4 प्रतिशत है। लेकिन कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों जैसे शेयर बाजार में निवेश किए गए धन से अच्छे रिटर्न के कारण लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट की भरपाई की गई है।

स्विस बैंक क्रेडिट सुइस की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। पूरी दुनिया में असमानता बढ़ाने का दावा करने वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है, "सबसे धनी समूह न केवल आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट से अछूता रह गया है, बल्कि उसे शेयर की बढ़ती कीमतों और घर की कीमतों पर कम ब्याज दरों से भी फायदा हुआ है।"

इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल दुनिया की कुल संपत्ति में 7.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि प्रति व्यक्ति संपत्ति में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, साल 2020 में उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय देशों की संपत्ति में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है।

दूसरी ओर, कम ब्याज दरों के कारण, सावधि जमा और छोटी बचत योजनाओं में मध्यम वर्ग के लोगों के पैसे में वृद्धि धीमी हो गई, जिससे असमानता और बढ़ गई। भारत में भी, ऐसी नीतियां 32 मिलियन भारतीयों को मध्यम वर्ग से बाहर करने के लिए जिम्मेदार रहीं।

कोरोना महामारी के बावजूद अमेरिका, चीन, ब्राजील और भारत समेत दुनिया के ज्यादातर देशों में सबसे अमीर 1 फीसदी लोगों की संपत्ति में इजाफा हुआ है, रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस से हुए नुकसान की आर्थिक क्षतिपूर्ति से सबसे ज्यादा फायदा अमीरों को हुआ है। ब्राजील दुनिया में असमानता के मामले में सबसे आगे है। यहां 1 फीसदी अमीरों के पास देश की 50 फीसदी दौलत है। रिपोर्ट में ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के हवाले से कहा गया है कि दुनिया के सबसे अमीर 500 लोगों की संपत्ति में कुल 1336 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। इससे दुनिया में असमानता की खाई और भी गहरी हो गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक असमानता को मापने वाला गिनी इंडेक्स भारत के मामले में साल 2020 में 82.3 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यानी साल 2000 में जहां सबसे अमीर 1 फीसदी भारतीयों के पास भारत की संपत्ति का 33.5 फीसदी था, वहीं 2020 में यह बढ़कर 40.5 फीसदी हो गया है. जो अब तक का सबसे ज्यादा है।  रिपोर्ट में कहा गया है, 'साल 2020 में भारत और चीन दोनों में शेयर की कीमतों में बढ़ोतरी इसके लिए जिम्मेदार है।'

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीनी परिवारों के पास भारतीयों की तुलना में अधिक वित्तीय संपत्ति है। रिपोर्ट के अनुसार, जहां वर्तमान में चीनी परिवारों के पास वित्तीय संपत्ति का 44 प्रतिशत हिस्सा है, वहीं भारतीय परिवारों में यह केवल 23 प्रतिशत है। चीन में पिछले कुछ सालों से लोगों की बचत में बढ़ोतरी और शेयर बाजार का मजबूत होना इसकी प्रमुख वजहें हैं।


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